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Friday, January 13, 2012

Gam ka Rog | Dil Per Sitam kiya | गम का रोग

गम का रोग .....


क्या सितम किया हमने दिल पर 
एक परदेशी को जो सौंप दिया 
खुद तो हंस कर चले गए 
गम का रोग
हम को गम का रोग दिया 


                            by - Umakant Sharma
Sunday, January 8, 2012

Neend ke tuutate hi, sapanon ki duniya, नींद के टूटते ही

नींद के टूटते ही......

नींद के टूटते ही | सपनों की दुनीया
कभी कभी क्यूँ लगता है
जैसे मैं जी रहा हूँ सपनों में
नींद के टूटते ही फिर से
चला जाऊंगा पुरानी दुनिया में
कुछ भी तो न था मायूसी के सिवा
जहाँ इस सपने के पहिले
लौट जाऊंगा फिर उसी वीराने में !



                      * उमाकांत शर्मा *
Tuesday, December 27, 2011

Karani ab to ladaayee hai - करनी अब तो लड़ाई है

करनी अब तो लड़ाई है ....... 

चिंतित नेता जी
नव वर्ष की पूर्व संध्या पर 
नेता जी ने पत्रकारों को वुलाया 
प्रेस कांफ्रेंस के नाम पर
आगे का प्लान बताया 
हमारे किसी पड़ोसी ने 
संसद पर नशाना दागा है 
कैसे देवें इसका उत्तर
जनता ने जानना चाहा है
नेताजी के माथे पर
चिंता की लकीरें दिखती थीं 
संसद पर हुई गोली बारी 
रुक रुक के डराया करती थी 
बोले कुछ तो करना होगा 
जान पे जो वन आयी है 
"शांति" गयी तेल लेने 
करनी अब तो लडाई है !